१ - वकालतनामा पर अपना अर्थात् पक्षकार का हस्ताक्षर स्वयं ही करें । आलस्य या लापरवाही वश यह न सोचें कि आपका वकील , मुंशी या कोई भी आपके स्थान पर हस्ताक्षर करके काम चला देगा । ऐसी लापरवाही आपके लिए बाद में बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकती है ।
२ - यदि आप स्वयं पैरवी कर रहे हैं तो हलफनामा (शपथ पत्र ) के सम्बन्ध में भी उक्त नियम को ध्यान में रखें ।
३ - यदि आप अपने वकील से संतुष्ट नहीं है और दूसरा वकील नियुक्त करना चाहते हैं तो नए वकालतनामे पर पहले वकील से अनापत्ति अवश्य प्राप्त कर लें । यद्यपि, नियमानुसार आप स्वयं पहले वकील को नहीं हटा सकते और इसके लिए न्यायलय में लिखित प्रार्थना पत्र देकर अनुमति लेना आवश्यक है; किंतु, चूँकि यह प्रक्रिया मुक़दमे में और अधिक बिलम्ब पैदा करेगी अतएव, कम से कम इतना अवश्य करें कि पहले वकील की सहमति /अनापत्ति प्राप्त कर लें ।
शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2009
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