मनन करें कि क्या वास्तव में आपको अपना बीमा कराने की आवश्यकता है? यदि आप अकेले है या आपको अपने जीवन के बाद किसी आश्रित की आर्थिक सुरक्षा की चिंता नहीं है तो जीवन बीमा में धन लगाना आपके लिए उचित नहीं है। यह लेख जो हिंदुस्तान दैनिक दिनांक ७ फ़रवरी , २०१० से उद्धृत है, इस सम्बन्ध में मार्गदर्शन कराता है:
[अपने से पूछो किसलिए चाहिए इंश्योरेंस
इंश्योरेंस पालिसी में जो प्रीमियम आप देते हो वह धारा 80 सी के तहत एक लाख रुपये तक की छूट दिलवाने मेंसफल रहता है। लेकिन जब यह कारण नहीं है तो आपको इंश्योरेंस पालिसी क्यों खरीदना चाहिए? यहां पर ऐसे हीतीन सवाल हैं जिसे कोई भी पालिसी खरीदते समय अपने आप से पूछना चाहिए?
सवाल नंबर एक
एजेंट का भाषण : आपको इंश्योरेंस, मार्केट-लिंक्ड रिटर्न और इसके साथ-साथ इसके यूलिप में टैक्स बेनीफिट भीमिलेगा। एजेंट के इस भाषण को सुनने के बाद तुरंत आपको अपने आप से सवाल करना चाहिए कि क्या किसी भीकारण से आपको इंश्योरेंस की जरूरत है?
अब यह इंश्योरेंस एजेंट आपको नहीं बताएगा कि क्या आपको इंश्योरेंस की जरूरत है। पर आप विश्वास करें यानहीं हर किसी को इंश्योरेंस की जरूरत है। आपको इंश्योरेंस की जरूरत इसलिए है क्योंकि आप अपने ऊपर निर्भरलोगों का सुरक्षित भविष्य देखना चाहते हैं। अगर आपकी असमय मृत्यु हो जाती है तो आपके लोगों को इसका पूराफायदा मिलेगा। इस केस में जब आपके ऊपर कोई निर्भर नहीं है फिर तो सच में आपको किसी इंश्योरेंस कीजरूरत नहीं है। इस केस में अगर आपके पास ढेर सारी पूंजी है तो भी आप इंश्योरेंस से दूर रह सकते हैं।
क्वांटम इंफार्मेशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ सतीश मेहता का कहना है,‘एकआदमी को उस स्थिति में इंश्योरेंस की जरूरत पड़ती है जब उस पर कोई आश्रित होता है या फिर उस कोई बड़ादायित्व होता है जैसे कि होम लोन। लेकिन अगर किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी नहीं है तो ढेर सारी पूंजी होने केबाद भी आपको इंश्योरेंस लेने की जरूरत है। ’
अगर आप युवा हैं और हाल ही में कमाना शुरू किया है तथा आपके माता-पिता भी काम करते हैं इस केस में भीतुरंत इंश्योरेंस पालिसी लेने की जरूरत नहीं होती। दूसरी ओर अगर आपके माता-पिता रिटायर हो चुके हैं तथाउनको संतोषजनक पेंशन नहीं मिलती, आपकी पत्नी नौकरी नहीं करती तथा आप पर बच्चों का दायित्व है तो आपहर हाल में इंश्योरेंस पालिसी जरूरी है।
सवाल नंबर 2
एजेंट का भाषण :- आपको 20 हजार के प्रीमियम देने पर 2 लाख का कवर मिलेगा। ऐसे में आपको अपने से यहसवाल करना चाहिए कि आपको कितने इंश्योरेंस की जरूरत है?
आपका सम एश्योर्ड अथवा लाइफ कवर आप जितना प्रीमियम देते हो उस पर निर्भर करता है। याद रहे किआपकी सम एश्योर्ड राशि आपके आश्रितों को आपकी असमय मृत्यु के बाद प्राप्त हो जाएगी। आप प्रीमियम यहसोचकर न पे करें कि आपको कितना टैक्स बचाना है बल्कि यह ध्यान में रखकर करें कि आपके आश्रितों कोकितने धन की जरूरत है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट(प्रोडक्ट एंड सेल) प्रणव मिश्र के अनुसारआप अपने एश्योर्ड सम का निर्धारण अपनी इनकम, एक्सपेंसेस, फाइनांशियल गोल और लायबिलिटीज जैसे चारमानकों पर रखकर कर सकते हैं। अगर इस फील्ड में प्रचलित नियम की बात करें तो आपको अपने साल के खर्चेसे 12 से 15 गुना कवर लेना चाहिए अथवा अपने वार्षिक आमदनी से 8 से 10 गुना का कवर होना चाहिए।
आपकी सेविंग आपके इंश्योरेंस लायबिलिटी को नीचे ला सकती है। एक युवा व्यक्ति को हायर कवर की जरूरत होसकती है अगर उनकी तुलना किसी ऐसे व्यक्ति से करें जो कि अपने 30 और 40 की उम्र में पालिसी लेते हैं। ऐसेलोगों को भी अपने आश्रितों के आराम के लिए कुछ सेविंग करनी चाहिए जिससे आपात स्थिति में वे अपने आपकोसुरक्षित महसूस कर सकें।
अगर लाजिक की बात करें तो इंश्योरेंस की सबसे अधिक जरूरत उस समय पड़ती है जब आप रिटायर होते हैं। उससमय तक आपके कमाने की क्षमता जीरो भी हो सकती है तथा आपकी संचित पूंजी ही आप और आपके आश्रितोंके लिए कामगर साबित हो सकती है।
आपको इंश्योरेंस के बारे में जब सोच विचार करना हो तो पहले अपनी कमाई का हिसाब किताब जरूर लगा लेनाचाहिए, फिर खर्चे कितने हैं? यह आइडिया इसलिए नहीं है कि आप कितने का कवर लेने जा रहे हैं बल्कि इसलिएहै कि आप अपने आपको हमेशा के लिए किस तरह से इंश्योर कर रहे हैं।
कमाई में बढ़ोतरी
हम में से बहुत से लोग हर साल सेलरी में वृद्धि का लाभ पाते हैं। इसका सीधा मतलब है कि कमाई बढ़ने से लाइफस्टाइल में भी बदलाव आता है। अधिक कमाई में आपको सोचना चाहिए कि क्या अभी तक को जो आपका निवेशहै उससे आपके आश्रित इस लाइफ स्टाइल को हमेशा बरकरार रख पाएंगे? जब वह समय आएगा तो आपकीपालिसी उन्हें कितना लाभ पहुंचाएगी।
फाइनेंशियल गोल
आपको ऐसे निवेश का चुनाव करना होता है जिससे आप अपने लक्ष्यों तक आसानी से पहुंच जाएं। साथ ही निवेशका चुनाव करते समय यह जरूर ध्यान रखें कि आपकी मौत के बाद भी वह इफेक्टिव जरूर हो।
कर्ज पर बात करें
आपकी मौत के बाद आपको उधार देने वाले आपकी पूंजी पर हमला बोल सकते हैं। ऐसा न हो इसलिए जरूरी है किअगर आपके पास घर का लोन है अथवा क्रेडिट कार्ड का कर्ज है। आप पॉलिसी खरीदते समय यह सुनिश्चित करवालें कि आपकी मौत के बाद भी इन चीजों को कोई नहीं छुएगा उसका भुगतान इंश्योरेंस कंपनियां करेंगी।
सवाल नंबर :3
एजेंट भाषण : इस यूलिप ने बाजार में जबर्दस्त प्रदर्शन किया है। अब आपको अपने से पूछना चाहिए कि क्या यहसस्ती है?
अगर आप प्रीमियम के तौर पर 20 हजार रुपये सम एश्योर्ड 2 लाख रुपये के लिए दे रहे हैं। इसका मतलब है किआपने एक महंगी इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी है। 2 लाख का मतलब हो सकता है कि आपको जिस इंश्योरेंस कवर कीजरूरत थी उसका यह एक मात्र हिस्सा हो। इसलिए जरूरी है ऐसा करने से पहले आप कोई सस्ती पॉलिसी खरीदेंजिसका लाभ अधिक मिले।
अंत में : बीमा कराने के लिए आने वाला एजेंट आमतौर पर जल्दबाजी में आपसे आधी जानकारी लेकर की फार्मभर देता है। इस फार्म में कई ऐसी बाते पूछी जाती है जिनका जबाव न दिया जाए फिर बीमा तो हो जाता है लेकिनक्लेम लेने में कठिनाई होती है। ऐसे में सबसे अच्छा विकल्प है कि जिसको बीमा लेना हो वह इस फार्म को खुदभरे। एक भी कॉलम को खाली न छोड़ा जाए। अगर फार्म भरते वक्त पूरी जानकारी न हो तो बीमा कराने के लिएएक दो की प्रतीक्षा कर लेना बेहतर है। हालांकि एजेंट ऐसे मौकों जल्दबाजी में ही रहते हैं। लेकिन एजेंट तो बीमाकरा कर निकल जाएगा दिक्कतें आपको झेलना पड़ेंगी। साथी ही बीमे के पूरे भरे फार्म की एक प्रति अपने पासबीमा धारक को जरूर रखनी चाहिए।]
- दैनिक हिन्दुस्तान से साभार।
रविवार, 7 फ़रवरी 2010
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